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जब-जब हिन्दी सिनेमा की फिल्मों की तारीफ की जाती है उनमें सबसे पहला नाम मदर इंडिया फिल्म का आता है. मदर इंडिया का नाम आज भी हिन्दी सिनेमा में इस कदर कायम है कि बहुत से मशहूर निर्देशक इसकी रीमेक बनाना चाहते हैं पर क्या आप जानते हैं कि मदर इंडिया फिल्म अपने आप में एक रीमेक फिल्म थी. साल 1957 में मदर इंडिया(Mother India)जिस दिन पर्दे पर रिलीज हुई थी उसी दिन सिनेमाघरों की भीड़ को देखकर हिन्दी सिनेमा के जानकारों ने इस बात का अंदाजा लगा लिया था कि यह फिल्म बहुत जल्द ही इतिहास रचेगी और ऐसा ही हुआ. आज भी बॉलीवुड की कोई भी फिल्म मदर इंडिया फिल्म की कहानी और निर्देशन की तुलना नहीं कर सकती है.
आज रीमेक फिल्म बनाने का चलन हिन्दी सिनेमा में एंट्री ले चुका है पर क्या निर्देशक रीमेक फिल्में बनाते समय पुरानी फिल्म की चुनौतियों पर खरे उतर पाते हैं या नहीं यह बहुत बड़ा सवाल है. ऐसा नहीं था कि सालों पहले हिन्दी सिनेमा में रीमेक फिल्में नहीं बना करती थीं बल्कि बहुत बार ऐसा देखा गया कि निर्देशक अपनी ही फिल्म का रीमेक बनाकर इतिहास रचा करते थे. उन निर्देशकों की लिस्ट में एक नाम महबूब खान का है. साल 1940 में रिलीज हुई फिल्म ‘औरत’ महबूब खान की थी जो हिट तो हुई पर इतिहास ना रच सकी. उसके बाद उन्होंने इसी फिल्म की रीमेक फिल्म बनाई जिसका नाम था मदर इंडिया. महबूब खान की निर्देशित फिल्मों की लिस्ट में मदर इंडिया(Mother India)ऐसी फिल्म बन गई जिसके नाम से उन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमाया और देखते ही देखते महबूब खान का नाम हिन्दी सिनेमा की खास शख्सियत की लिस्ट में शामिल हो गया.
फिल्म मदर इंडिया(Mother India)की कहानी कुछ इस तरह थी कि राधा नाम की महिला नवविवाहिता के रूप में गाँव आती है और घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियाँ उठाने में पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है. राधा नाम की महिला का किरदार नरगिस ने निभाया था और उन्होंने इस किरदार को निभाने में दिन-रात एक करके मेहनत की थी जिस कारण पर्दे पर मदर इंडिया देखने आए लोगों ने फिल्म के एक-एक दृश्य को दिल से महसूस किया था. सुखी लाल के कर्ज से बेहाल राधा का पति श्यामू घर छोड़ कर चला जाता है और घर-गृहस्थी को चलाने की सारी जिम्मेदारियां राधा के कंधों पर आ जाती है. फिल्म मदर इंडिया(Mother India)में श्यामू नाम का किरदार अभिनेता राज कुमार ने निभाया था. पति के जाने के बाद राधा समाज में अपनी इज्जत को सुखी लाल की नजरों से बचाती है और अपना एक बेटा खोने के बाद दो बेटों को अकेले बड़ा करती है पर इस सबके बीच राधा अपने मूल्यों, अपने सिद्धांतों से कभी भी समझौता नहीं करती है.
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मदर इंडिया फिल्म के सुपरहिट होने के पीछे एक खास कारण था और वो था फिल्म का पोस्टर. आज किसी भी फिल्म के रिलीज होने से पहले फिल्म के प्रमोशन पर आंख बंदकर पैसा खर्च किया जाता है पर महबूब ने मदर इंडिया(Mother India)फिल्म के प्रमोशन के लिए ऐसा कुछ नहीं किया था. मदर इंडिया फिल्म का एक पोस्टर ही उसके सुपरहिट होने का सबसे बड़ा कारण बन गया. प्रमोशन पोस्टर में बैल की जगह स्वयं हल खींचकर अपना खेत जोतती महिला को दिखाकर इस फिल्म ने दर्शकों को दिल से जोड़ लिया था जिस कारण शायद ही कोई इस फिल्म को सिनेमाघर में नहीं देखने के लिए अपने कदम रोक पाया होगा. ‘दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पड़ेगा’ मदर इंडिया(Mother India)फिल्म के इस गाने ने फिल्म की पूरी कहानी सही तरीके से बयां करने में खास मदद की थी. वास्तव में अब हिन्दी सिनेमा में वो समय आ चुका है जब अपनी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट कराने के लिए निर्देशक और निर्माताओं को एक पोर्न स्टार, सेक्सी और बोल्ड सीन या फिर हॉलीवुड की फिल्मों का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में इस बात की उम्मीद करना बेकार ही है कि कोई भी निर्देशक फिल्म मदर इंडिया की सफलतापूर्वक रीमेक बना पाएगा.
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