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भारतीय सिनेमा के इतिहास में ऐसा बहुत कुछ है जो पहली बार हुआ. पहली बार रंग, पहली बार गीत, पहली बार बैकग्राउंड संगीत, पहली बार इफेक्ट्स आदि. बहुत कुछ है भारतीय सिनेमा के पास जिस पर गर्व किया जा सकता है. लेकिन आज जो पहली बार हुआ है उस पर गर्व करना तो क्या वैश्विक स्तर पर इस घटना से हमारी आंखें तक झुक गई हैं. आज के दिन को अगर सिनेमा के इतिहास का काला दिन भी कहा जाए तो शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि बॉलिवुड के सुप्रसिद्ध अभिनेता और राजनीतिज्ञ सुनील दत्त के अभिनेता बेटे संजय दत्त को भारत की सर्वोच्च अदालत ने रियल लाइफ का खलनायक घोषित कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि 1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट के संबंध में आज संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल कैद की सजा सुनाई है. टाडा के अंतर्गत उन्हें यह सजा अपने घर एके 56 राइफल जैसे खतरनाक हथियार रखने के आरोप में सुनाई गई है. अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के इतिहास में आज यह पहली बार हुआ है जब किसी फिल्म स्टार को आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप में जेल की हवा खानी पड़ेगी. हालांकि इससे पहले भी कई ऐसे सितारे हैं जो जेल की सैर कर चुके हैं लेकिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार किसी सिने स्टार को ऐसे संगीन आरोपों के कारण कानूनी कार्यवाही को भुगतना पड़ा.
संजय दत्त पहले ही 18 महीने जेल में गुजार चुके हैं इसीलिए उन्हें मिली पांच साल की कैद में से उन 18 महीनों को घटा दिया जाएगा.
1959 में जन्में संजय दत्त की किस्मत ने कभी उनका साथ नहीं दिया. विवादों और परेशानियों से उनका नाता आज का नहीं बल्कि तब का है जब उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया था. चलिए नजर डालते हैं संजय दत्त और उनके साथ जुड़े विवादों की दास्तां पर.
1. महंगा पड़ा फिल्मों में आना (Nargis Dutt Death): संजय दत्त की किस्मत नहीं चाहती थी कि वह फिल्मों में आएं. अनुभवी फिल्म स्टार्स नर्गिस और सुनील दत्त के इकलौते पुत्र संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी जैसे ही रिलीज होने वाली थी वैसे ही कैंसर से उनकी मां चल बसीं. रॉकी के रिलीज होने से मात्र तीन दिन पहले ही नर्गिस दत्त का देहांत हो गया था.
2. पहली बार कानूनी प्रक्रिया से सामना (Dugs Addicted Sanjay Dutt): फिल्मों में आने के कुछ ही समय बाद संजय दत्त को ड्रग्स लेने की आदत पड़ गई. वर्ष 1982 में गैरकानूनी तरीके से ड्रग्स का सेवन करने के आरोप में संजय दत्त को कई महीने जेल में गुजारने पड़े. इसके बाद संजय को रिहैबिलिटेशन सेंटर भेजा गया.
अजय को चुपचाप देख काजोल समझ गईं…..
3. बेटी की कस्टडी के लिए फिर कानून की शरण में गए: वर्ष 1987 मेंसंजय दत्त ने ऋचा शर्मा से विवाह किया लेकिन कुछ ही समय बाद ब्रेन ट्यूमर की वजह से ऋचा का देहांत हो गया. अपनी बेटी की कस्टडी के लिए संजय दत्त को कानून का दरवाजा खटखटाना पड़ा लेकिन वह अपने सास-ससुर के विरोध में इस केस को हार गए और उनकी बेटी की कस्टडी अमेरिका में रहने वाले उसके नाना-नानी को मिल गई.
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4. मुंबई ब्लास्ट और विभिन्न आरोप (1993 Mumbai Blast): संजय दत्त का नाम 1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के साथ भी जोड़ा गया. उन पर अवैध रूप से खतरनाक हथियार रखने के आरोप लगे. यह हथियार अबु सलेम को सौंपे गए थे. उस समय भी उन्हें टाडा के अंतर्गत जेल की हवा खानी पड़ी थी. आज उन्हें इसी केस में सजा सुनाई गई है.
5. विवाहित संबंधों को लेकर विवादों में घिरे (Sanjay Dutt and Manyata): ऋचा शर्मा के देहांत के बाद संजय ने रिया पिल्लई से विवाह किया लेकिन उनका यह विवाह ज्यादा समय तक नहीं चल पाया और जल्द ही दोनों का तलाक हो गया. कुछ समय पहले संजय ने मान्यता से विवाह किया और उनका यह विवाह भी विवादों में रहा क्योंकि ऐसी खबरें आ रही थीं कि मान्यता पहले से ही विवाहित हैं. इस विवाह में परिवार के सदस्यों को भी बुलाया नहीं गया क्योंकि उनकी बहन प्रिया दत्त का कहना था कि मान्यता उनके लिए सही लड़की नहीं हैं.
6. मुंबई ब्लास्ट के लिए सजा (Sanjay Dutt and Mumbai Blast): इन सबके बाद आज का दिन है जब आखिरकार संजय को मुंबई ब्लास्ट के आरोप में सजा सुना दी गई.
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