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एक दिन अजय देवगन चुपचाप बैठे थे और अचानक काजोल की नजर उन पर गई. काजोल, अजय को देखने के बाद सोचने लगीं कि अचानक कोई भी व्यक्ति इतना शांत कैसे हो सकता है. अब आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक-दूसरे के साथ की गई बातों के बाद दोनों ने एक ऐसा फैसला लिया जिससे दोनों की जिंदगी बदल गई.
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हिन्दी सिनेमा में यह दो नाम ऐसे हैं जो सिर्फ अपनी फिल्मों के आने पर ही चर्चाओं में रहते हैं और बाकी समय जैसे कहीं छुप जाते हैं. लेकिन एक दौर 90 का भी था जब इन दोनों सितारों के सितारे आसमान पर अपनी चमक बिखेर रहे थे. ऐसे में फिल्मी सेट का साथ शादी के मंडप तक कैसे पहुंचा यह बहुत ही दिलचस्प किस्सा रहा है और दोनों का मानना है कि उनके बीच ‘लव एट फ़र्स्ट साइट’ या पहली नज़र का प्यार जैसा कुछ भी नहीं हुआ था.
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पहली बार अजय और काजोल की जोड़ी 1995 में प्रदर्शित फिल्म ‘हलचल’ में नजर आई थी. इसके बाद कई निर्देशकों ने दोनों को एक साथ अपनी फिल्म में साइन किया. अजय देवगन और काजोल की जोड़ी को दर्शकों ने बहुत पसंद किया खासकर गुंडाराज’, ‘इश्क’, ‘प्यार तो होना ही था’, ‘दिल क्या करे’, ‘राजू चाचा’ जैसी फिल्मों में. पर्दे पर साथ-साथ काम करते-करते दोनों की नजदीकियां प्यार में बदल गईं और 1999 में उन्होंने शादी कर ली. आज काजोल और अजय देवगन की जोड़ी बॉलिवुड की बेस्ट जोडियों में से एक मानी जाती है. काजोल आज एक बेटी न्यासा और बेटे युग की मां हैं. अपने बच्चों और परिवार के लिए उन्होंने कई बार अपने कॅरियर में ब्रेक लिया है लेकिन इससे उनके अभिनय में कभी भी कमी नहीं आई. अजय देवगन और काजोल एक सफल कलाकार होने के साथ ही अपनी निजी जिंदगी में भी बेहद सफल हैं. उन्हें पारिवारिक मूल्यों को महत्व देने वाली जोड़ियों में से एक माना जाता है.
नुमाइश देखने दूर-दूर से लोग आते थे
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अजय और काजोल
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