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बारिश के मौसम को फिल्मों में भी खूब भुनाया गया है. कई फिल्मों में आसमान से गिरती हुई पानी की बूंदों के बीच प्रेमी-प्रेमिका के प्यार को बेहद रोमांटिक तरीके से फिल्माया गया है. बारिश को प्यार, रोमांस जैसे शब्दों से जोड़ना थोड़ा मुश्किल था पर इन्होंने इस काम को इस तरीके के साथ करके दिखाया कि ऐसा लगने लगा कि प्यार और रोमांस जैसे शब्दों को सिर्फ बारिश के सहारे ही बनाया गया हो. बॉलीवुड ने अपने सौ सालों के सफर में लोगों को बेहतर से बेहतर से फिल्में दी हैं. बॉलीवुड की बहुत सी फिल्में ऐसी हैं जिन्होंने लोगों को प्यार और रोमांस करना सिखाया है और उन फिल्मों के गानों ने तो लोगों के दिलों में बारिश में भी रोमांस करने की चाह को पैदा कर दिया.
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जिंदगीभर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
1979 में आई मंजिल फिल्म के गाने ‘रिमझिम गिरे सावन…सुलग सुलग जाए मन…’ ने यह दर्शाया कि किस बेहतर अंदाज के साथ बारिश में गाने को शूट किया जा सकता है. ‘रिमझिम गिरे सावन… गाने की लाइन कुछ इस तरह थी कि गाने को बारिश में शूट करना जरूरी था पर साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा गया था कि जो रोमांस दिखाया जा रहा है वो थोड़े मनचले अंदाज में हो. ‘बरसात की रात’ फिल्म बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्मों में से एक थी और इस फिल्म का गाना ‘जिंदगीभर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात’ 1960 के दशक का सुपरहिट गाना बन गया था.
‘प्यार हुआ इकरार हुआ प्यार से फिर क्यों डरता है’
‘प्यार हुआ इकरार हुआ प्यार से फिर क्यों डरता है दिल’ आज भी बरसती बूंदों में गर्मी का अहसास करा देता है. बॉलीवुड में बारिश पर गाने फिल्माने का सिलसिला बस यहीं तक सीमित नहीं रहा था. कुछ लोग मधुबाला और किशोर कुमार पर फिल्माए गए गाने ‘एक लड़की भीगी-भागी सी’ को आज भी सुपरहिट गानों की लिस्ट में सर्वश्रेठ मानते हैं. 1942 में आई फिल्म ‘ए लव स्टोरी’ का गीत ‘रिमझिम रिमझिम भिगी भिगी रुत में तुम-हम, हम-तुम’…जैसा गाना एक रुमानियत का एहसास कराता है. जब बॉलीवुड के बारिश पर फिल्माए गए बेहतर गानों की बात हो रही है तो 1989 में आई ‘चांदनी’ फिल्म का गाना कोई भला कैसे भूल सकता हैं. ‘लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है’ ‘चांदनी’ फिल्म का यह गाना आज भी सुपरहिट माना जाता हैं.
ऐसा नहीं था कि बॉलीवुड ने बारिश पर ऐसे गाने निर्देशित किए थे जो सिर्फ रुमानियत पैदा करते थे. दरअसल कुछ गाने ऐसे भी थे जो प्यार में की गई छेड़-छाड़ को प्रदर्शित करते थे जैसे 1982 में आई फिल्म ‘नमक हलाल’ का यह गाना कि ‘आज रपट जाए तो…’ अपने समय के सुपरहिट गानों में से एक रहा है. राजकपूर की फिल्म ‘बरसात’ से बारिश पर गीत फिल्माने का सिलसिला जो शुरू हुआ वो मणिरत्नम की ‘गुरु’ फिल्म तक जारी रहा. 2001 में आई लगान फिल्म का गाना ‘घनन-घनन घन घिर आए बदरा’ को सुन कर लगता है कि प्यासी धरती को जल्द ही पानी मिलने वाला हो और 2007 में आई ‘गुरु’ फिल्म के गाने ‘बरसो रे मेघा’ को भला कैसे भूल सकते हैं.
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