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व्यक्ति को एक बार सच्चा प्यार हो जाए तो फिर वो किसी भी अंजाम की चिंता नहीं करता है. प्यार होता ही ऐसा है जिसमें व्यक्ति सही और गलत का अंतर करना भूल जाता है. ऐसा ही कुछ हाल धर्मेंद्र का भी हुआ था जब उन्होंने हेमा मालिनी से शादी करने का फैसला लिया था. हेमा मालिनी को ड्रीम गर्ल कहा जाता है और उनके चाहने वालों की लिस्ट में कुंवारों से लेकर सभी उम्र के लोग शामिल थे. यहां तक कि महिलाएं भी हेमा मालिनी की सुन्दरता की दीवानी थी तो फिर क्या था धर्मेंद्र भी उसी लिस्ट में शामिल हो गए. वैसे अपने प्यार के बारे में धर्मेंद्र का कहना है कि जब उन्होंने हेमा को देखा था उस दिन से ही वो हेमा से प्यार करने लगे थे और उन्हें पता ही नहीं चला कि कब वो हेमा के प्यार में दीवाने हो गए.
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इस सुन्दरी के प्यार में कौन नहीं पागल बना
हेमा मालिनी को पागलों की तरह चाहने वालों की लिस्ट में जीतेंद्र और संजीव कुमार भी थे. जीतेंद्र और संजीव कुमार अपने समय में बॉलीवुड की शान हुआ करते थे पर फिर भी हेमा मालिनी को अपने प्यार के जाल में फंसा ना सके. धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने कई फिल्में एक साथ की जिस कारण उनके बीच का प्यार परवान चढ़ने लगा और धर्मेंद्र इस प्यार में यह भी भूल गए कि उनकी पहली पत्नी से उनका तलाक नहीं हुआ है.
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धर्मेंद्र अब बीच में फंस चुके थे
एक तरफ तो धर्मेंद्र हेमा के प्यार में पागल हो चुके थे और दूसरी तरफ अपनी पहली पत्नी का साथ भी नहीं छोड़ना चाहते थे. वैसे हेमा भी धर्मेंद्र से उतना ही प्यार करती थीं जितना धर्मेंद्र उनसे करते थे पर हेमा के घर वाले धर्मेंद्र और हेमा की शादी के खिलाफ थे. फिर क्या था हेमा मालिनी के घर वाले उन पर नजर रखने लगे. फिल्म शोले की शूटिंग के समय दोनों छुप-छुप कर प्यार करते थे.
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एक सीन पर ही रुक गए
फिल्म शोले में एक सीन है जहां धर्मेंद्र हेमा मालिनी को बंदूक चलाना सिखाते हैं. उसी सीन की शूटिंग के समय धर्मेंद्र हेमा की कमर पर बार-बार हाथ रखकर उन्हें बंदूक चलाना सिखाते हैं. फिल्म के निर्देशक के ओके बोलने के बाद भी धर्मेंद्र हेमा मालिनी के साथ उस सीन का रिटेक लेते रहे.
बेटी की शादी के बाद अपनी शादी की
हेमा का प्यार धर्मेंद्र को इस कदर पागल बना चुका था कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी को नहीं छोड़ा और मुस्लिम धर्म अपनाकर हेमा को भी पत्नी का दर्जा दिया था. जब धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी के साथ 2 मई, 1980 को सात फेरे लिए तब धर्मेंद्र की बेटी की भी शादी हो चुकी थी. बड़े बेटे सनी देओल फिल्मों में आने की तैयारी कर रहे थे. ऐसे में हेमा मालिनी से शादी करने का फैसला करना जरूर बड़ा मुश्किल रहा होगा, लेकिन दोनों ने यह फैसला कर ही लिया.
हेमा मालिनी ने धर्मेंद्र के प्यार को पाने के लिए कई त्याग किए. हेमा ने धर्मेंद्र की यह शर्त भी मान ली कि शादी करने के लिए वे न तो पत्नी प्रकाश को छोड़ेंगे और न बच्चे और परिवार को. उनका मानना था, प्यार केवल एक बार होता है और प्यार में प्रेयसी और प्रेमी एक-दूसरे को उनकी कमियों के साथ अपनाते हैं और हेमा ने धर्मेंद्र को उनकी हर कमी के साथ अपनाया था. हेमा और धर्मेंद्र की दो बेटियां हुईं जिसमें से एक का नाम एशा और दूसरी का अहाना रखा गया था.
आज हेमा और धर्मेद्र के प्यार भरे रिश्ते के बीच में भले ही दूरी आ गई हो पर सच तो यह है कि प्यार कभी भी ना तो कम होता है ना कभी भी मरता है. वैसे भी दोनों ने एक-दूसरे के लिए जितने भी त्याग किए थे वो पूरी जिंदगी प्यार को बनाए रखने के लिए काफी हैं.
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