- 150 Posts
- 69 Comments
बॉलीवुड की चमक-दमक इतनी ज्यादा है कि हर कोई इसकी तरफ खिंचा चला जाता है. पर किसे पता कि बॉलीवुड में भी इंसाफ नहीं होता है. अभिनेत्री और अभिनेता के बीच का फासला इतना ज्यादा होता है कि एक अभिनेत्री को उस फासले को तय करने के लिए हजारों बार कोशिशें करनी होती हैं. अभिनेत्री बिपाशा बसु का कहना है कि सिनेमा जगत में अभिनेत्रियां अभिनेताओं जैसी प्रतिष्ठा कभी नहीं पा सकेंगी. ‘बॉलीवुड में महिलाओं के लिए अवसर काफी कम हैं. हमारे पास सुरक्षित रहने, खूबसूरत दिखने और कुछ आइटम गाने करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
Read:मौत और गुमनाम रहना नहीं चाहता
बॉलीवुड में भी इंसाफ नहीं होता
ऐसा नहीं है कि बॉलीवुड में ऐसी फिल्में नहीं बनी हैं जो अभिनेत्रियों को अभिनेताओं से ज्यादा प्रसिद्ध होने का मौका दें पर फिर भी अभिनेत्रियों के साथ बॉलीवुड इंसाफ नहीं कर पाया है. ‘द डर्टी पिक्चर’, ‘सात खून माफ’ और ‘नो वन किल्ड जेसिका’ से महिला किरदारों के बढ़ते चलन को देखा गया है. लेकिन बिपाशा ने कहा, ‘एक ‘डर्टी पिक्चर’ बहुत कुछ नहीं बदल सकती. आप कभी-कभी भाग्यशाली होते हैं कि आप ‘डर्टी पिक्चर’, ‘राज’, ‘जिस्म’ और ‘कारपोरेट’ जैसी फिल्में पा लेते हैं.
“बड़े पर्दे पर जलवे दिखा-दिखा कर बहुत बार लाज को उतारा है …..जिसे गहना बनाकर पर्दे पर आई उसी पर्दे के पीछे बहुत बार अपनी लाज को बेचा है….”
बॉलीवुड का सच
बॉलीवुड की चहल-पहल के तो सभी दिवाने हैं पर क्या वास्तव में कोई भी इसका सच जानता है. बॉलीवुड के रंगों के पीछे एक ऐसा सच है कि चाहे कितना भी समय क्यों ना गुजर जाए पर बॉलीवुड में इंसाफ का दौर शुरू नहीं होगा.
एक अभिनेत्री जब बड़े पर्दे पर अपना वजूद कायम करने की कोशिश करती है तो उसे बहुत कुछ खोना पड़ता है. अपनी लाज जिसे गहना बना वो अभिनय की दुनिया में कदम रखती है बहुत बार उसी लाज को उतार कर उसे अभिनय की शुरुआत करनी होती है. बड़े पर्दे के पीछे नारी का जो तमाशा बनता है वो उसे कामयाब होने की दौड़ में शामिल तो कर देता है पर उसका हक उसे दिला नहीं पाता है. बड़े पर्दे पर नारी के सम्मान से जुड़ी फिल्में दिखाई तो जाती हैं पर सच यह है कि स्वयं बॉलीवुड कभी भी उसे पुरुषों के समान सम्मान नहीं दे पाता है.
Read Comments