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भारतीय फिल्मों के सुनहरे इतिहास पर अगर गौर करें तो ऐसे कई बड़े नाम हमारे सामने आते हैं जिन्होंने अपने हुनर और काबीलियत के बल पर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को एक बेहद सम्मानजनक और प्रभावी मुकाम तक पहुंचाया. अभिनेता हो या फिर संगीतकार, गायक हो या फिर कोई फिल्मकार ऐसे बहुत से नाम हैं जो अपने जाने के बाद भी भारतीय सिनेमा के गौरवकालीन इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
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आज हम जिस फिल्मकार की बात करने जा रहे हैं उन्होंने अपने विजन और समझ से सिनेमा को वह ऊंचाई दी जिसे छू पाना भी आज के जमाने के फिल्मकारों के लिए एक टेढ़ी खीर ही है.
बंगाली फिल्मकार सत्यजीत रे जिन्होंने पाथेर पांचाली, अपराजितो, आपुर संसार जैसी फिल्मों का निर्माण कर रियलिस्टिक सिनेमा को एक नया आयाम दिया था, हिन्दी सिनेमा के इतिहास में दर्ज एक ऐसा नाम हैं जिनकी कमी शायद ही कोई फिल्मकार पूरी कर सकता है.
सुपरस्टार हो या कोई न्यूकमर सभी सत्यजीत रे जैसे महान फिल्मकार के साथ काम करना चाहते थे लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉलिवुड का एक सुपरस्टार ऐसा भी था जिसके साथ सत्यजीत काम करना चाहते थे लेकिन उनकी यह इच्छा बस इसीलिए पूरी नहीं हो पाई क्योंकि बॉलिवुड के उस सितारे की फिल्मों में काम करने की फीस इतनी ज्यादा थी कि सत्यजीत रे कभी उस फीस को वहन ही नहीं कर पाए थे.
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उल्लेखनीय है कि फिल्मकार सत्यजीत रे स्टार ऑफ द मिलेनियम अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को अपनी फिल्म में लेना चाहते थे लेकिन अमिताभ की मोटी फीस देखकर वह हमेशा रुक जाया करते थे.
अपने जीवन में तो सत्यजीत रे कभी अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म करने और उनकी मोटी फीस जैसे तथ्यों को उजागर नहीं कर पाए लेकिन उनके जाने के बाद उनकी पत्नी बिजया ने अपनी किताब मणिक एंड आई में इस बात का खुलासा किया है.
उल्लेखनीय है कि सत्यजीत रे को मणिक दा भी कहा जाता था. बिजया ने अपनी किताब में लिखा है कि अमिताभ की पत्नी और अभिनेत्री जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने उन्हें एक बार कहा था कि अगर सत्यजीत रे उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहेंगे तो अमिताभ उस फिल्म में जरूर काम करेंगे. लेकिन जब बिजया ने अपने पति यानि सत्यजीत रे को यह बात कही तो उन्होंने सीधा जवाब ना देकर मुस्कुराते हुए कहा था कि वह इस बारे में कभी सोचकर बताएंगे.
अप्रैल 1992 में जब सत्यजीत रे का निधन हुआ था उस समय उनकी पत्नी बिजया द्वारा लिखे गए डायरी के नोट्स पर ही आधारित है यह किताब.
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किताब के अनुसार सत्यजीत रे ने जया बच्चन से कहा था कि उन्होंने कई बार अमिताभ से बात करने की सोची लेकिन वह एक बहुत महंगे अभिनेता हैं और बंगाली सिनेमा में इतना पैसा नहीं है. इस पर जया का उत्तर था कि “आपके साथ काम करना अमिताभ के लिए बहुत सम्मान की बात होगी, वह आपसे उतनी फीस भी नहीं लेंगे. उल्लेखनीय है कि अमिताभ बच्चन सत्यजीत रे की किसी भी फिल्म में नजर नहीं आए क्योंकि वह कम बजट की फिल्में ही बनाते थे. बस एक बार अमिताभ ने उनकी फिल्म शतरंज के खिलाड़ी के लिए अपनी आवाज दी थी.
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