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हिन्दी सिनेमा का जो स्वरूप आप देखते हैं उसे यहां तक पहुंचने में एक लंबा समय लगा है. एक समय था जब अभिनेता बेहद शांत और गंभीर हुआ करते थे. लाख कोशिश के बावजूद शैतानी नाम की चीज उनकी अदाकारी में नहीं आ पाती थी. देवानंद ने जरूर कुछ मायनों में रोमांटिक अभिनेता के स्वरूप को एक रूप दिया लेकिन एक आशिक आवारा पागल टाइप लवर की छवि बॉलिवुड में पहली बार शम्मी कपूर ने ही दी.
शम्मी कपूर: द याहू बॉय
अपनी एक अलग शैली की वजह से दर्शकों के बीच लोकप्रिय शम्मी जी आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी अदाकारी का जादू आज भी हमें मंत्रमुग्ध कर देती है. 14 अगस्त, 2011 को उनका निधन हो गया था. हिन्दी सिनेमा जगत में याहू बॉय के नाम से मशहूर शम्मी कपूर की किडनी फेल होने की वजह से मौत हो गई थी.
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बॉलिवुड के असली फ्लर्टर
शम्मी कपूर से पहले हीरो बेहद पारंपरिक थे. लड़की के साथ मजाक-मस्ती भी बेहद सलीके से हुआ करता था. लेकिन इस छवि को तोड़ा शम्मी कपूर साहब ने. लड़की को छेड़ते हुए “याहू चाहे कोई मुझे जंगली कहे” जैसा गाने का कारनामा शम्मी कपूर ने ही किया. निजी जीवन में बेहद बिंदास रहने वाले शम्मी जी ने अपनी इसी छवि को फिल्मों में भी कैश कराया.
इंटरनेट के शौकीन
आज आप हर अभिनेता और बॉलिवुड सेलिब्रिटी के पास आपको नए गैजेट्स देखने को मिल ही जाते हैं. लगभग हर हीरो-हीरोइन को आप फेसबुक या ट्विटर पर आसानी से देख सकते हैं लेकिन आज के दस बीस साल पहले हालात जरा अलग थे. लेकिन उस समय भी शम्मी कपूर जी इंटरनेट का प्रयोग करते थे.
कहा जाता है कि शम्मी जी ने इंटरनेट का इस्तेमाल 1991 से ही शुरू कर दिया था. शम्मी कपूर जी ने मफतलाल, हरीश मेहता, देवांग मेहता आदि के साथ मिलकर इंटरनेट यूजर सोसाइटी बनाई थी. और यही नहीं एप्पल कंपनी ने उन्हें एक अलग साइट उपलब्ध कराई थी.
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करना था कुछ अलग
पृथ्वीराज कपूर के बेटे और शोमैन राज कपूर के भाई होने के नाते शम्मी के सामने अपनी अलग पहचान बनाने की चुनौती थी क्योंकि अदाकारी में कदम रखते ही उन पर उम्मीदों का बोझ पड़ गया था. शम्मी जानते थे कि उनके भाई पहले से ही सुपरस्टार और चर्चित फिल्म निर्माता हैं, इसलिए उनकी अपने भाई के साथ तुलना जरूर की जाएगी. उन्हें पता था कि अगर वह खुद को साबित करना चाहते हैं तो उन्हें अपने भाई से कुछ अलग करके दिखाना होगा.
रोमांटिक, चुलबुले और दिलकश
बॉलीवुड में सर्वकालिक रोमांटिक अभिनेताओं की श्रेणी में सबसे ऊंचा मुकाम रखने वाले शम्मी कपूर को हिंदी फिल्मों के सबसे शोख, बेहद हसीन और चुलबुले हीरो के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने दर्जनों फिल्मों को अपने यादगार अभिनय से अमर कर दिया.
साल 2011 में आई रॉकस्टार उनकी आखिरी फिल्म थी. लेकिन इस फिल्म में भी उन्होंने जो अभिनय किया वह बेहद शानदार रहा.
शम्मी कपूर की पत्नियां
शम्मी कपूर ने 1955 में लोकप्रिय अभिनेत्री गीता बाली से शादी की और इसे वह अपने जीवन का महत्वपूर्ण मुकाम मानते हैं. गीता बाली ने संघर्ष के दौर में उन्हें काफी प्रोत्साहन दिया. उनका वैवाहिक जीवन लंबा नहीं रहा. क्योंकि गीताबाली का 1966 में निधन हो गया. बाद में शम्मी ने दूसरा विवाह नीला देवी गोहली से किया.
जंगली
शम्मी कपूर के जीवन का एक महत्वपूर्ण वर्ष 1961 रहा जब जंगली फिल्म रिलीज हुई. उनकी यह पहली रंगीन फिल्म थी. फिल्म में उनकी याहू शैली और चाहे मुझे कोई जंगली कहे गाने ने कपूर को रातोंरात स्टार का दर्जा दिला दिया. इस गाने की लोकप्रियता आज भी बरकरार है.
शम्मी कपूर जी की सर्वश्रेष्ट फिल्में
शम्मी ने इसके बाद 1960 के दशक में प्रोफेसर, चाइना टाउन, प्यार किया तो डरना क्या, कश्मीर की कली, ब्लफ मास्टर, जानवर राजकुमार, तीसरी मंजिल, बदतमीज, एन ईवनिंग इन पेरिस, प्रिंस और ब्रह्मचारी जैसी कई सफल फिल्में की. 1968 में उन्हें ब्रह्मचारी के लिए श्रेष्ठ अभिनय का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला.
चरित्र अभिनेता के रूप में शम्मी कपूर को 1982 में विधाता फिल्म के लिए श्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार मिला.
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